इस भूमि पर,
मैं लड़ूंगा, जिंदगी कई नए तरीकों से, मैं हर दिन अच्छा चुनूंगा। संघर्ष हो या बाधाएं कोई भी आएं, मेरे विचार कई लोगों के दिल को छू जाएंगे, इस धरती पर, मैं लड़ूंगा, स्वास्थ्य या देखभाल की जरूरत होगी तो मैं एक अच्छा बीज बोऊंगा, मैं सबसे अलग हूं, मेरी यादें हर किसी को ऊंचा बनाए रखेंगी, इस भूमि पर, मैं लड़ूंगा, अगर मेरे साथ कुछ भी बुरा होता है, तो दुनिया देखेगी, मैं जिस रास्ते पर चलता हूं, मैं लड़ूंगा, दिन-ब-दिन, मैं और हम सब कुछ ठीक कर देंगे…
इस धरती पर मैं लड़ूंगा, इसी धरती पर सब ठीक हो जाएगा…
रविराज कुपेकर
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